Saturday, April 13, 2013

मातृ भाषा को याद करना क्यों ज़रूरी है ?


क्या आप जानते हैं किसी भी देश की तर्रकी मे उस देश की अपनी मातृ भाषा का कितना योगदान होता है ? जानने के लिए एक चार्ट बनाते हैं और फिर उस पर चर्चा करते हैं |


Country       Mother-language    Working-language  Status

America      English                     English                   Developed
Britain        English                     English                   Developed
France        French                     French                    Developed
Spain          Spanish                    Spanish                  Developed

In fact all European countries work in their Mother-language and they are more or less developed.
Russia        Russian                    Russian                  Developed
Japan         Japanese                   Japanese                Developed
China        Chinese                     Chinese                  Developed
Korea        Korean                      Korean         Developed ---in-fact good than India

All Arabian countries more or less work in their own language and they are far better than India.

तो कहने का मतलब ये है की जिन लोगों ने अपनी संस्कृति और अपनी भाषा को नही छोड़ा वो आज बहुत आगे निकल गये हैं | अब यह देखते हैं की जिन लोगों ने अपनी भाषा को छोड़ दिया और दूसरी भाषा अपना ली उनका क्या हुआ ?

All African countries are working in a foreign language I.e English and they are very poor.
The Italians are very far away from their Roman Language...and they are not good.

और जब हम हिन्दुस्तान की बात करते हैं तो हमारी भाषा थी संस्कृत और हिन्दी ,लेकिन हम इन दोनो से दूर होते जा रहे हैं और यही नही जो हमारी प्रांतीय भाषाएँ हैं उनसे भी हम दूर होते जा रहे हैं. वैसे देखा जाए तो उर्दू भी हमारी भाषा नही है. नुकसान यह हुआ की जो प्रांतीय स्तर पर लोगों के विचार हैं वो अँग्रेज़ी समझने वालों तक नही पँहूच पाती और अँग्रेज़ों का विज्ञान हमारे प्रांत के लोगों तक नही पँहूच पा रहा है. और जिन अंग्रेज़ो ने संस्कृत का अनुवाद कर के उसे अपने देश की भाषा मे लोगों को बताया वो आगे निकल गये लेकिन हमने तो अपनी ही भाषा भूला दी है. मैने बहुत कुछ नही लिखा है लेकिन आप इस पर गौर करेंगे तो आप खुद समझ जाएँगे .


Friday, March 29, 2013

know our transition history


अगर आप असली भारत को जानना चाहते हैं तो 1940 से 1950 तक का भारतीय इतिहास ज़रूर पढ़िए . बार-बार पढ़िए और कई बार पढ़िए . हमे जानने को मिलेगा की क्यों नेहरू की बेटी इंदिरा, सरदार पटेल की बेटी मणी से ज़्यादा नामवाली हो गयी ? कैसे कॉंग्रेस पार्टी hijack हो गयी ? कैसे पार्टी एक परिवार की होकर रह गयी ? क्या होता 562 राज्यों का अगर पटेल नही होते ? क्यों लोग नेहरू को ज़्यादा और पटेल को कम याद करते हैं ? क्यों पटेल के पार्थिव शरीर को जलाने मे सियासत होने लगी थी ? क्यों कश्मीर हान्थ से निकल गया और हमारे देश का नासूर बन गया ? 1942 quit-इंडिया मे क्या हुआ था ? तब की कॉंग्रेस पटेल को नेता क्यों मानती थी ? क्या हम मुस्लिम लीग और hyderabad के निज़ाम की ग़लतियों को भूल सकते हैं ? नेहरू, पटेल की बातें क्यों नही मानते थे? क्या 1947 के दंगे और जिन्नाह के direct- action को भूल कर के पाकिस्तान से दोस्ती कर लेनी चाहिए ? 1947 से 1950 तक राष्ट्र निर्माण इतनी तीव्र गति से क्यों हुई और बाद मे धीमी क्यों पड़ गयी ?नेहरू ने पूर्ण बँटवारा क्यों मंज़ूर नही किया ? 30 jan-1948 के प्रार्थना सभा के बाद गाँधी पटेल से क्या कहने वाले थे ? इतिहास पढ़िए और सवालों के जवाब तलाशने की ज़रूर कोशिश कीजिये | कम से कम आप को इतना तो ज़रूर ग्यात हो जाएगा कि आपके घर के पूर्वज क्या करते थे और अब आप क्या कर रहे हैं |

Thursday, February 23, 2012

हमारे देश मे बेरोजगारी है तो अच्छा है .

शायद अजीब है लेकिन सत्य है कि  बेरोज़गारी देश मे बहुत ज़रूरी है. जब एक ग्रॅजुयेट बेरोज़गार होगा तो वो प्राइवेट वाहन का चालक बन सकता है और इसका फ़ायदा यह होगा कि वो दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करेगा. अब हो सकता है कि वह कुंठा कि वजह से अच्छा व्यवहार ना करे लेकिन जिसकी शिक्षा मे किसी प्रकार का खोट ना हो वह कुंठा से पीड़ित हो ही नही सकता .अब बेरोज़गारी कि वजह से हो सकता है कि लोग खेती-बाड़ी मे दिलचस्पी लेने लगे और हमारे देश मे आधुनिक तरह से खेती होने लगे .अब नौकरी मिलेगी भी तो काम कम और चमचागिरी ज़्यादा रहेगी तो अच्छा है न  कि  बेरोज़गारी बढ़ती जाए और एक बात हमेशा याद रखने वाली बात है कि  कृषि मे कभी भी बेरोज़गारी नही हो सकती. जब शिक्षित  व्यक्ति ज़मीन पर आएँगे तो समाज को बदलना ही होगा तो हो सकता है कि  हम भी नीयम-क़ानून का पालन करना सीख  जाएँ . हो सकता है कि कुछ  लोग यह सोचने लगे कि पढ़ाई-लिखाई का क्या फ़ायडा अगर बेरोज़गार ही बनना है तो लेकिन हमे सोचना चाहिए अगर हिन्दुस्तान को अमेरिका बनाना है तो अँग्रेज़ी तो सीखनी  ही पड़ेगी .

Thursday, February 2, 2012

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फ़ैसला

कूछ लोग खाने के लिए जीते हैं तो कुछ लोग काम करने के लिए जीते हैं | अगर ऐसा नही होता तो प्रशांत भूषण
जैसे लोग सांसद बने होते और देश की जनता के लिए सुप्रीम कोर्ट मे केश नही लड़ रहे होते | सुप्रीम कोर्ट
का ऐतिहासिक फ़ैसला सिर्फ़ ऐसे लोगो की मेहनत का नतीजा है |

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फ़ैसला

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नेता और वैज्ञानिक

एक नेता के पीछे कितने लोग हैं और एक वैज्ञानिक के पीछे कितने लोग होते हैं |
एक नेता से कितनो को फायदा होता है और एक वैज्ञानिक से लोगो को कितना फायदा होता है |
एक नेता से लोगों को कितना नुक़सान हो सकता है और एक वैज्ञानिक कितना नुक़सान कर सकता है |
एक नेता कितना ईमानदार होता है और एक वैज्ञानिक कितनी ईमानदारी से काम करता है |
एक नेता के ना होने से हमारा क्या बिगड़ सकता है और एक वैज्ञानिक के ना होने से हमारा क्या-क्या बिगड़ सकता है |
एक नेता अगर बेरोज़गार हो जाए तो उसे क्या फ़र्क पड़ेगा और एक वैज्ञानिक बेरोज़गार हो जाए तो देश को कितना फ़र्क पड़ेगा |
एक नेता हमे क्या सीखा सकता है और एक वैज्ञानिक हमे क्या-क्या सीखा सकता है |
एक नेता बनाने के लिए कितने खून की ज़रूरत होती है और एक वैज्ञानिक बनाने मे कितना पसीना लगता है |
एक नेता शहर मे कितना शोर करता है और एक वैज्ञानिक शहर मे कितना शांत रहता है |
आप किसके साथ हैं नेता के साथ या वैज्ञानिक के साथ ||||||
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Tuesday, September 6, 2011

A very sad and true story by SRIJAN--The bad Fortis

Hi

With deep regret I want to inform you the demise of my wife Rupali Sharma on 17th July due to post operative complication after brain surgery.

I would also like to bring to your notice how private hospitals like FORTIS are robbing people of their life and money. Please be very careful while dealing with such hospitals. Find below the details of my experience with Fortis Noida.

My wife age 29 (occupation- trainer with HCL) was diagnosed with a non malignant brain tumor on 17th June2011. She did not have any major symptoms like headache, eye problem or vomiting. She was suggested surgery for removal of tumor. We took opinions from Max, Indo Gulf and finally decided on Fortis because of the good reputation of Dr. A K Singh.

Doctors did not make us aware that it is a very complicated surgery and said that there are only incidental risks. "Amount of risk involved is same as the risk when you come from your home to hospital"

Wednesday, August 17, 2011

दुष्ट और पापी नाशक मन्त्र

जूता मारो चप्पल मारो, सुबह मारो शाम को मारो
दोपहर मे मारो, रात को भी न छोडो
शाकाहारी को अंडे से मारो
भूत से मारो,पिशाच से मारो,मारो-मारो बाँध कर मारो
राम-अर्जुन के तीर से तो हनुमान-भीम के गदे से मारो
मारो सौ - गिनों एक,दुर्गा का नाम लेके मारो
मन्त्र जाप कर के मारो
"हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत |
सा घण्टा पातु नो देवि ! पापेभ्योड्न: सुतानिव || "



सुबह शाम इस मन्त्र का जाप करने से इस दुनिया से पापी ,भ्रस्टाचारी और कपटी नेताओं और सरकारी-गैर सरकारी कर्मचारियों का धरती ग्रह से शनी ग्रह पर पलायन हो जाता है

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शहिदों की चिताओं पर न दिये हैं न मेले हैं ,वतन पर मिटने वालों का नहिं बाकी निशां होगा

Friday, July 22, 2011

'ग्रीन इस्लाम'

क्या धर्म जलवायु परिवर्तन को रोकने में कामयाब हो सकता है. अगर इंडोनिशिया के मुसलमान और थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु द्वारा वातावरण के लिए किए गए कार्यों को देखें तो यह मुमकिन लगता है. 

दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इंडोनिशिया में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक अहम जंग चल रही है. हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान इमाम ग्रीन इस्लाम का संदेश देते हैं. मदरसों में बच्चों को पर्यावरण के बारे में बताया जाता है. हरियाली बढाने के लिए कहा जाता है. मदरसों में दीनी तालीम के अलावा पेड़ भी लगाए जाते हैं.
क्या है ग्रीन इस्लाम?
आखिर क्या है ग्रीन इस्लाम?  ग्रीन इस्लाम मूल रूप से एक विचार है जिसके तहत मस्जिदों और मदरसों के जरिए वहां के लोगों को जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है. पिछले कुछ सालों में इंडोनिशिया पर जलवायु परिवर्तन का भारी असर पड़ा है. लगातार समंदर का जलस्तर बढ़ने और मूसलाधार बारिश से राजधानी जकार्ता में सैकड़ों घर बर्बाद हो चुके हैं. अक्सर भूकंप के झटकों की वजह से एकेह द्वीप और जावा द्वीप के तटीय इलाके बर्बाद हो चुके हैं.


Sunday, July 3, 2011

My Confusion

When I say VANDE MATRAM ! Some people say that I am the man of RSS. When I say ANNA HAZARE ZINDABAD ! They say I am the man of ANNA. But when I say Congress ZINDABAD ! They say that I am the real Indian and love secularism.
When I started fighting corruption,they said join politics ,fight election and then think about eradicating corruption.But politics and elections are the game of money,and I do not have money then will it be not possible for me to fight corruption ?
Government says that they wanted only 65000 central employees to fall under the Lokpal .But I have one question what about the other pillars of the government offices,means CLERKS AND PEONS who takes bribe on behalf of their officers.Mr. Pandeyji never demanded any bribe who falls under 65000 officials but the peon working under him is the big bribe eater.Now as per govt. ,complain against Pandeyji can be filed who is actually honest but complain against PEON cannot be filled who is corrupt.Government saying we will think about the top class people who has money but we do not have time to think about the village people.Now I understood why DELHI is developing and my village is not .